इसमें रिक्शावाला छोटी आयु में ही हाथ रिक्शा खींचने और ढोने को विवश है। वह खूब मेहनत करता है और एक-एक पाई जोड़ता है ताकि अपनी खुद की रिक्शा खरीद सके, लेकिन हर बार उसके सामने कोई न कोई विपत्ति आ ही जाती है, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारता और नवयुग का उसे इंतजार रहता है।.